किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥ अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ https://bookmarkforest.com/story18272472/the-greatest-guide-to-shiv-chalisa-lyricsl
What Does Shiv chalisa lyricsl Mean?
Internet 2 hours 30 minutes ago johne799uoh4Web Directory Categories
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